केंद्र सरकार ने राज्य मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के नियमों का पालन नहीं करने वाले राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दी है.
केंद्र का कहना है कि यातायात के संशोधित नियमों के विपरीत क़ानून बनाकर जुर्माना वसूलने वाले राज्यों के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है.
अगर कोई राज्य सरकार ऐसा करती है यह संवैधानिक दृष्टि से ग़लत है। भारत के संविधान ने केंद्र और राज्य की क़ानून बनाने की शक्तियों को अलग अलग कर रखा है।
केंद्र द्वारा उसकी शक्तियों के आधार पर बनाए क़ानून को लागू करना राज्यों का दायित्व है यदि राज्य केंद्र द्वारा बनाए क़ानून को लागू नहीं करना चाहते है तो भारत के राष्ट्रपति के अनुमोदन के उपरांत ही ऐसा किया जा सकता है