आयकर विभाग
द्वारा फर्जी एकाउंटिंग एंट्री और फर्जी बिलों पर लगाईं जा सकती है भारी पेनल्टी
पिछले कुछ सालों में कई इस तरह के केस
सामने आये है जिनमे फर्जी इनवॉइस और गलत दस्तावेजों के माध्यम से कई व्यक्तियों
द्वारा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों का अपवंचन किया गया हैI
इसे देखते हुए पिछले बजट से आयकर
अधिनियम की पेनल्टी की लिस्ट में एक और नई धारा जोड़ी गयी है धारा 271AAD,
जिसके अनुसार खाता बही में गलत प्रविष्टि (false entry)
और फर्जी इनवॉइस के लिए व्यवहार के मूल्य तक की पेनल्टी लगाई जा सकती हैI
धारा 271AAD के
प्रावधानों के अनुसार यदि आयकर अधिनियम में किसी भी कार्यवाही के दौरान असेसिंग
ऑफिसर को यह लगता है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा बनाये गए एकाउंट्स में किसी भी तरह
की झूठी प्रविष्ठी की गयी है या फिर कोई प्रविष्टि छोड़ दी गयी है जिसके कारण उसका
आयकर का दायित्व कम होता है तो उस केस में उस व्यक्ति पर छुटी हुई या गलत की गयी एंट्री
की वैल्यू जितना जुर्माना लगाया जा सकता है
मतलब उक्त छुटी हुई या गलत प्रविष्टि
पर आयकर तो भरना ही है और अतिरिक्त रूप से जुर्माना भी लगाया जा सकता हैI
झूठी प्रविष्टि से आशय है, जाली या गलत
दस्तावेजों के आधार पर की गयी एंट्री, गलत या जाली जारी किये गए इनवॉइस और ऐसे
व्यक्तियों को जारी किये गए इनवॉइस जो अस्तित्व में नहीं है
उपरोक्त पेनल्टी निम्न दो तरह के
व्यक्तियों पर लगाईं जा सकती है
1.) वह
व्यक्ति जिसके एकाउंट्स में जाली या गलत एंट्री की गयी है
2.) वह
व्यक्ति जिसने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जाली एंट्री करने में सहयोग दिया है